दंपति कार्यशाला

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दंपति कार्यशाला

ज्ञानबाग कॉलोनी
साध्वी निर्वाणश्री जी के सान्‍निध्य में दंपति कार्यशाला का आयोजन किया गया। सभा, तेममं की संयुक्‍त समायोजना व तेयुप एवं टीपीएफ की संभागिता के साथ यह दंपति कार्यशाला शानदार रही।
साध्वी निर्वाणश्री जी ने कहा कि आज मैं आत्मा-परमात्मा व धर्म-कर्म की चर्चा न करके जीवन पर विमर्श कर रही हूँ। आराधना कौन कर सकता है-जिसका मन शांत हो, जिसके जीवन में सामंजस्य हो। साधना का पथ विसंबंध का पथ है। कार्यशाला की मुख्य वक्‍ता साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभा जी ने अपने वक्‍तव्य में ‘जिंदगी में रिश्तों की मिठास कैसे घोले’ विषय पर मार्मिक प्रस्तुति दी। ‘मिठास’ कार्यशाला में जीवन में मिठास घोलने वाले मुद्दों पर विस्तार से विवेचन हुआ।
साध्वी लावण्यप्रभा जी, साध्वी कुंदनयशा जी, साध्वी मुदितप्रभा जी एवं साध्वी मधुरप्रभा जी ने गीत की प्रस्तुति दी। कार्यशाला में उपस्थित दंपतियों ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति गीत से दी। टीपीएफ से मोहित बैद ने समागत दंपतियों को शुभकामनाएँ प्रेषित की। तेयुप उपाध्यक्ष प्रमोद भंडारी ने सामायिक अभिव्यक्‍ति दी। कन्या मंडल की कन्याओं ने भिक्षु अष्टकम की प्रस्तुति से मंगलाचरण किया। ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं व तेममं की बहनों ने लघु नाटिका से परिवार-पति-पत्नी एवं रिश्तों की सुंदर प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर सभा के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार सुराणा, करणी सिंह बरड़िया, तेयुप के पूर्व अध्यक्ष राहुल श्यामसुखा, तेयुप से ॠषभ मेहता, अणुव्रत समिति के सहमंत्री विजयराज आंचलिया, ज्ञानबाग कॉलोनी से कमल भंडारी आदि ने जीरा, राई, तिल, घी आदि के मुहावरों का प्रयोग करते हुए जीवन को मधुर बनाने की व्याख्या की।
धन्यवाद ज्ञापन कार्यशाला के संयोजक मयूर बोरड़ ने किया। मंच संचालन सभा के मंत्री सुशील संचेती ने किया।