पर्युषण पर्व कार्यक्रम

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पर्युषण पर्व कार्यक्रम

अध्यात्म साधना केंद्र, महरौली
शासनश्री साध्वी शशिरेखा जी के सान्‍निध्य में अध्यात्म साधना केंद्र, महरौली में पर्युषण पर्व पूरे आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाया गया। साध्वी शशिरेखा जी ने पर्युषण मनाने का महत्त्व, चातुर्मास में धर्माराधना का महत्त्व, हाजरी वाचन, आचार्य भिक्षु की मर्यादाएँ व अनुशासन, कालचक्र-उत्सर्पिणी व अवसर्पिणी काल की विशेषताएँ, ठाणं सूत्र के आधार पर श्रावकों के प्रकार, वंदना का महत्त्व, भगवान ॠषभ काल, भगवान महावीर के भवों का चित्रण, संस्मरणों के माध्यम से किया। अनेक श्रावकों की जीवनी से सबको प्रतिबोध दिया। साध्वी शीतलयशा जी ने उत्तराध्ययन-परिषहों पर व्याख्यान दिया।
साध्वी कांतप्रभा जी ने प्रति दिवस के महत्त्व पर गीतिका का संगान किया। साध्वी शीतलयशा जी, साध्वी कांतप्रभा जी, साध्वी रोहितप्रभा जी, साध्वी मंदारयशा जी ने प्रभावक आचार्य व प्रतिदिन विषयों पर अपनी प्रस्तुति दी। अनेक श्रावक-श्राविकाओं ने गीतिकाएँ गाईं। सभी सभा-संस्थाओं के पदाधिकारियों ने अपनी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। संवत्सरी के पावन दिन प्रवचन, पौषधोपवास से श्रावक समाज ने लाभ लिया। क्षमायाचना के साथ नौ दिनों तक आयोजित पर्युषण आराधना सानंद संपन्‍न हुई।