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भगवान महावीर जन्म कल्याणक दिवस पर िवभिन्न कार्यक्रम
भिक्षु बोधि स्थल के तत्वावधान में भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव अत्यन्त श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया गया। भंवरिया परिसर से भव्य शोभा यात्रा प्रारम्भ हुई जो अनेक मार्गों से होते हुए भिक्षु निलयम पहुंची। शोभा यात्रा में भगवान महावीर के जीवन व उनके उपदेशों, संदेशों से सम्बन्धित सुन्दर व आकर्षक झांकिया प्रदर्शित की गयी थी। शोभा यात्रा संपन्न होने के पश्चात् भिक्षु निलयम में धर्म सभा आयोजित की गयी। धर्म सभा में मंगल पाथेय प्रदान करते हुए साध्वी प्रसन्नयशा जी ने भगवान महावीर के उपदेशों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान महावीर ने किसी वस्तु के प्रति आसक्ति को परिग्रह कहा। अर्जन हो परन्तु उसके प्रति मोह या आसक्ति नहीं होनी चाहिए। अर्जन पूर्ण ईमानदारी व नैतिकता से हो। अनेकान्त से वर्तमान की बहुत सी समस्याओं का समाधान खोजा जा सकता है। साध्वी क्षितिप्रभा जी ने गीतिका का संगान किया। मुख्य वक्ता युवा गौरव पदम चंद पटावरी ने विस्तार से भगवान महावीर के जीवन व उनकी साधना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने नारी सशक्तिकरण का हमेशा समर्थन किया, दास प्रथा और जातिवाद का विरोध किया।
इस अवसर पर गणपतलाल धर्मावत, हर्षलाल नवलखा, सुधा कोठारी, दर्शिता सहलोत ने भी अपने विचार व्यक्त किए। महिला मण्डल की बहिनों ने सुमधुर गीतिका प्रस्तुत की। ज्ञानशाला के बच्चों ने गीत के माध्यम से भगवान महावीर के उपदेशों को बहुत ही सुन्दर व प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। आभार ज्ञापन अनिल बडोला ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन महेश लोढ़ा ने किया।