मंगलमय घडियां आई

मंगलमय घडियां आई

ओ आयो गण-प्रांगण में उत्सव, मंगलमय घडियां आई।
ओ आयो चयन दिवस शुभ अवसर, कण-कण में खुशियां छाई।।
तुलसी महाप्रज्ञ की कृति, गुरुवर मोल बढ़ायो सा।
देकर प्रमुखापद गौरवमय, थांरो विरूद बढ़ायो सा।।
विनय समर्पण सहज सरलता, गुरुनिष्ठा बेजोड़ सा।
अद्भुत अनुपम कार्य कुशलता, तप में रुचि विशेष सा।।
वर्धापन की मंगल बेला, शुभ संकल्प सझावां सा।
नूतन रंग भरां सपना में, गण कीरत फैलावां सा।।
करां कामना रहो निरामय, संजम साथ दिरावो सा।
साध्वी परिकर बढ़े प्रगति पथ, शक्तिपात करावो सा।।
लय : ओ बन्नी थांरो चांद