तेरापंथ महिला मंडल के विविध आयोजन

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तेरापंथ महिला मंडल के विविध आयोजन

अभातेममं के तत्वावधान में तेरापंथ महिला मंडल उधना द्वारा आयोजित ‘महाश्रमणोस्तु मंगलम’ कार्यक्रम के अंतर्गत तेरापंथ भवन उधना में साध्वी हिमश्रीजी ने कहा- जैन परंपरा में अनेक विद्वान आचार्य हुए हैं जिन्होंने जैन शासन को दीप्तिमान किया है। वर्तमान में भी अनेक विद्वान आचार्य विद्यमान हैं, उनमें आचार्यश्री महाश्रमण एक विशिष्ट प्रतिभा के धारक आचार्य हैं। उनकी आचार कुशलता अद्भुत है। धर्म के सूक्ष्म सिद्धांतों का वे अपने जीवन में आचरण करते हैं और उसके बाद दूसरों को उसका उपदेश देते हैं। इसीलिए उनका उपदेश सामने वाले श्रोता के जीवन के परिवर्तन का संदेश बन जाता है। वे बहुश्रुत आचार्य हैं, उनकी वाणी श्रोता के हृदय में उतर जाती है। जैन धर्म ग्रंथ आगमों के सूत्रों का वे सुंदर विश्लेषण करते हैं। उनकी वचन संपदा, वाचना संपदा एवं मति संपदा उनको विलक्षण आचार्य बनाती है। वे कभी पंखा या एयर कंडीशनर का उपयोग नहीं करते हैं। सतत पदयात्रा करते रहते हैं यह उनकी शरीर संपदा का प्रमाण है। उनकी स्मृति, शक्ति, मितभाषिता, प्रवचन शैली, संघ संचालन एवं विनम्रता उन्हें उच्च स्थान पर आसीन करती है। ऐसे महान आचार्य का उपलब्ध होना तेरापंथ धर्मसंघ एवं जैन शासन का सद्भाग्य है। साध्वी अखिलयशाजी ने आचार्यप्रवर की आचार संपदा एवं शरीर संपदा के संबंध में अपना वक्तव्य दिया। साध्वी चैतन्ययशाजी ने मधुर गीत का संगान किया। साध्वी मुक्तियशाजी ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया।
तेरापंथ महिला मंडल उधना की अध्यक्षा सोनू बाफना ने स्वागत वक्तव्य में पूज्य गुरुदेव के दीक्षा कल्याणक वर्ष के उपलक्ष में अपने भावों की प्रस्तुति की। तेरापंथ सभा उधना के मंत्री सुरेश चपलोत ने अपने विचार रखे। अणुव्रत विश्व भारती के गुजरात प्रभारी श्री अर्जुन मेड़तवाल ने स्वरचित मुक्तकों द्वारा अपनी भावाभिव्यक्ति दी। महिला मंडल की बहनों द्वारा महाश्रमण अष्टकम से मंगलाचरण एवं गीतिका का संगान किया गया। आभार ज्ञापन महिला मंडल मंत्री नीलम डांगी ने किया।