विकास महोत्सव, तप सम्मान एवं मेधावी विद्यार्थी सम्मान
फारबिसगंज
तेरापंथ भवन में साध्वी डॉ0 पीयूषप्रभा जी के सहवर्ती साध्वीवृंद के सान्निध्य में विकास महोत्सव का कार्यक्रम संपन्न हुआ। विकास महोत्सव में नेपाल, बिहार, झारखंड से गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत साध्वीश्री जी के नवकार मंत्र जाप व भक्तामर के पाठ से हुई। फारबिसगंज सभा के अध्यक्ष निर्मल मरोठी ने स्वागत वक्तव्य दिया। तेयुप अध्यक्ष आलोक सेठिया व महिला मंडल की अध्यक्षा कुसुम भंसाली ने स्वागत किया। महिला मंडल ने मंगलाचरण किया। साध्वी सुधाकुमारी जी ने गुरु तुलसी का गुणगान गीत के द्वारा किया तथा साध्वी भावनाश्री जी ने आचार्य तुलसी की विवेक चेतना पर प्रकाश डाला। साध्वी पीयूषप्रभा जी ने विकास महोत्सव पर अपना उद्बोधन दिया।
फराबिसगंज कन्या मंडल व ज्ञानशाला के द्वारा रोचक प्रस्तुति दी गई। विकास महोत्सव के कार्यक्रम का संयोजन साध्वी दीप्तियशा जी ने किया। विकास महोत्सव की बहुआयामी कार्यक्रम का दूसरा चरण नेपाल, बिहार, झारखंड स्तरीय क्षमायाचना का रहा, जिसमें 26 क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने साध्वीश्री जी से क्षमायाचना की। शाखा मंडल अररिया आरएस, अररिया कोर्ट, भीम नगर, किशनगंज, नरपतगंज, गुलाब बाग, निर्मली, कटिहार, राघवपुर, विराटनगर, राजबिहार, परतापगंज, वीरगंज, धुलाबाड़ी, फुलका मदनपुर, कलियागंज, जोकी, खुश्कीबाग मधुबन, धमदाहा, घुरना, वीरपुर बहादुरगंज, दलखोला, हरनगरा, हनुमाननगर के अलावा अन्य क्षेत्रों से श्रद्धालुजन उपस्थित थे। नेपाल, बिहार, झारखंड तेरापंथी सभा की अध्यक्षता में सभी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने साध्वी डॉ0 पीयूषप्रभा जी ने खमतखामणा किया। खमतखामणा की शब्दावली का उच्चारण नेपाल, बिहार, झारखंड स्तरीय तेरापंथी सभा के अध्यक्ष करण दफ्तरी द्वारा किया गया। महासभा के पूर्व अध्यक्ष हंसराज बेताला, नेपाल बिहार सभा के महामंत्री चैन रूप दुगड़, महासभा के बिहार प्रभारी नेमचंद बैद ने अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का तीसरा चरण मेधावी छात्र सम्मान के रूप में मनाया गया। तेरापंथ समाज में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। एमबीबीएस, एमबीए, सीए, पीएच-डी0, इंजीनियरिंग, फैशन डिजाइनर आदि-आदि डिग्री के धारक बच्चों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर साध्वी डॉ0 पीयूषप्रभा जी ने कहा कि बच्चों में ऊँची शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक संस्कार भी जरूरी है तभी हम अपनी सभ्यता और संस्कृति को जीवित रख पाएँगे।
कार्यक्रम का अगला चरण रहा तप अभिनंदन का। नेपाल, बिहार, झारखंड में एकमात्र चातुर्मास साध्वी पीयूषप्रभा जी का फारबिसगंज को मिला है। सावन और भादों में पूरे चोखले से 19, 17, 15, 11, 9, 8 आदि तपस्याओं का सम्मान हुआ। नेपाल बिहार झारखंड से लगभग 60 से अधिक व्यक्तियों ने तप कर कर्म निर्जरा की। इस अवसर पर नेपाल बिहार झारखंड स्तरीय तेरापंथी सभा ने विभिन्न स्थान से पधारे तपस्वी गण को मोमेंटो प्रदान किया। इन चरणों का संयोजन नीलम बोथरा ने किया।
कार्यक्रम का अंतिम चरण रहा सेवा का सम्मान। सेवा के कार्यक्रम का संयोजन कमल छोरिया ने किया। अंत में फारबिसगंज सभा के मंत्री सुमन डागा ने बाहर से समागत सभी अतिथिगण तथा स्थानीय सतर पर व्यवस्थापकों के प्रति सहयोग के लिए आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम का समापन संघगान के द्वारा हुआ।