एक आदमी कहता है मेरी मां बांझ है, मैं उसका बेटा हूं। ऐसे ही कोई अज्ञानी कहता है जिस काम में वीतराग की आज्ञा नहीं है फिर भी यह धर्म है।

- आचार्य श्री भिक्षु

रचनाएं

ॐ जय शासनमाता

'शासनश्री' साध्वी सुमनप्रभा

24 March - 30 March 2025

ॐ जय शासनमाता

रचनाएं

गुण गौरव गांवां सा

साध्वी चिन्तनप्रभा

24 March - 30 March 2025

गुण गौरव गांवां सा

रचनाएं

महिमा हम मिल गाते हैं

साध्वी कार्तिकप्रभा

24 March - 30 March 2025

महिमा हम मिल गाते हैं

रचनाएं

शत-शत शीष झुकावां हां

'शासनश्री' साध्वी सुव्रता

24 March - 30 March 2025

शत-शत शीष झुकावां हां

स्वाध्याय

धर्म है उत्कृष्ट मंगल

-आचार्यश्री महाश्रमण

24 March - 30 March 2025

धर्म है उत्कृष्ट मंगल

स्वाध्याय

श्रमण महावीर

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

24 March - 30 March 2025

श्रमण महावीर

स्वाध्याय

संबोधि

-आचार्यश्री महाप्रज्ञ

24 March - 30 March 2025

संबोधि
PDF